Skip to content
Adivasi HO Samaj Mahasabha Official

Adivasi HO Samaj Mahasabha Official

Reg No:855/ Year 2009-10 Jharkhand

  • मुख्य पृष्ठ
  • विभाग
    • कला और संस्कृति विभाग
      • दमा और दुमेंग
      • बनाम
      • रुतू
      • सुसून
      • दुरं
      • किलि
    • शिक्षा और स्वास्थय विभाग
      • हो भाषा
      • जड़ी-बुटी
      • देवां
    • क्रीड़ा विभाग
      • सेकोर
      • चुर
    • बोंगा बुरु विभाग
      • दोस्तुर
        • मागे पर्व
        • बह: पर्व
        • हेरो पर्व
        • जोमनमा
      • आदिड.
      • आंदि
      • गोनोए
      • जोनोम
  • सेवाएं
  • हो समाज के बारे में
  • शाखा
  • हो कैलेंडर
  • संस्था
  • Toggle search form

देवां

यह मानव शिक्षा का ही दूसरा पहलू है जिसे प्रत्येक गाँव में अखड़ा बना कर दिया जाता है। देवां विद्या का शुरुआत टुअर कसरा कोड़ा से माना जाता है। परन्तु इस विद्या को विश्व हित में सर्वोच्च स्थान प्रदान करने के कारण बिञ-विक्रम को देवां विद्या का विश्व गुरु कहा जाता है। प्रत्येक गाँव मे हेरमुट के बाद अमावस्या में अखड़ा का निर्माण कर देवां विद्या को पठन-पाठन के रुप में आरंभ किया जाता है। यह कच्चा दशहरे के एक माह पूर्व तक चलता है और दसाँए के रुप में अंतिम परीक्षा में शामिल होते हैं। परीक्षा को पास करने के पश्चात गुरु के द्वारा शपथ लेकर देवां विद्या को करने के लिए स्वतंत्र होते हैं।

 

हो भाषा जड़ी-बुटी देवं:

Copyright © 2024 Adivasi HO Samaj Mahasabha . Developed & Maintained by ipil innovation.

Powered by PressBook Green WordPress theme

WhatsApp us